सीएनटी-एसपीटी (CNT-SPT Act) में संशोधन असंवैधानिक,
बोले रामेश्वर उरांव
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Prabhat Khabar, May 29 2017
जमशेदपुर : सीएनटी-एसपीटी एक्ट (CNT-SPT
Act) में संशोधन करना गैर संवैधानिक है। इसलिए भाजपा सरकार को संशोधित विधेयक को अविलंब वापस लेना चाहिए। साथ ही भाजपा सरकार में शामिल आदिवासी सुरक्षित सीट से जीते सभी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देना चाहिए। अन्यथा उन्हें आदिवासी समाज की ओर से सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
यह बातें डॉ रामेश्वर उरांव ने सीतारामडेरा के आदिवासी एसोसिएशन हॉल में रविवार को आयोजित 'झारखंड मंथन' में कहीं। डॉ उरांव ने कहा कि आदिवासी समाज के अगुवा अब अपने हक व अधिकार को समझ रहे हैं। इसलिए वे अपने जल, जंगल व जमीन व संवैधानिक अधिकार के लिए एकजुट होकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। झारखंड आंदाेलनकारी शैलेंद्र महताे (Sailendra
Mehto) ने कहा कि आज सीएनटी-एसपीटी एक्ट में सरलीकरण के नाम पर हमारे जान-माल पर प्रहार किया जा रहा है।
मंथन में अन्य वक्ताओं ने भी भाजपा भगाओ-झारखंड बचाओ के आह्वान के साथ 2019
में भाजपा और भगवा मुक्त झारखंड में सत्ता परिवर्तन व व्यवस्था परिवर्तन लाने की बात कही। मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अविभाजित बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चांपिया, पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां, संयोजक मंडली के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, पूर्व विधायक सह आजसू के संस्थापक सूर्य सिंह बेसरा, वासवी किड़ो व रश्मि कत्यायन मौजूद थीं। झारखंड मंथन कार्यक्रम में राज्य के 24 जिलों से करीब 300 प्रतिनिधि शामिल हुए। गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीपाल सिंह मुंडा ने की।
http://www.prabhatkhabar.com/news/jamshedpur/story/996345.html
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